बढ़ती जनसख्ं या का पर्या वरण पर प्रभाव: क्या बढ़ती जनसख्ं या वरदान अथवा शाप?
परि चयअवसरों और चनु ौति यों दोनों को प्रस्ततु करतेहुए, दनिुनिया की आबादी सदि यों सेलगातार बढ़ रही है। जहांएकबढ़ती हुई आबादी प्रगति और वि कास का सकं ेत देसकती है, यह अपनेसाथ कई पर्या वरणीय मद्ुदों को भीलाती हैजो हमारा ध्यान आकर्षि तर्षि करतेहैं। बढ़ती जनसख्ं या के कारणवश जनता एवंपर्या वरण को तोसकारात्मक […]
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